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उद्देश्य
– निर्माण कामगारों को कार्य हेतु अपने आवास से काफी दूरी तय करनी पडती है‚ जिसमें उन्हे पैदल चलना पड़ता है और अपनी सीमित आय में से धनराशि खर्च करनी पडती है। कामगारों को कार्यस्थल पर पहुंचने में सुविधा ईंधन⁄व्यय की बचत हो। इसका मूल उद्देश्य कामगारों को साइकिल की सुविधा उपलब्ध कराना है। |
पात्रता
- श्रमिक के रूप में कम से कम 06 माह से पंजीकृत हो।
- केन्द्र अथवा प्रदेश सरकार की किसी अन्य योजना में साइकिल की सुविधा प्राप्त करने वाला पंजीकृत निर्माण श्रमिक इस योजना के अंतर्गत् पात्र नही होगा।
हितलाभ
- बोर्ड द्वारा साइकिल क्रय हेतु रु० 3000⁄– की धनराशि सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। बाकी धनराशि लाभार्थी श्रमिक द्वारा स्वंय दी जाएगी।
- भविष्य में आवश्यकता पडने पर श्रमिक स्वयं उसका सत्यापन क्षेत्रीय कार्यालय से करवायेगा तथा ऐसा न करने का उससे वसूली की कार्यवाही अपनाई जाएगी एवं उसकी सदस्यता समाप्त करने पर विचार किया जाएगा।
परिभाषा
- लाभार्थी श्रमिक-भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (सेवाशर्त एवं विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा 12 में उल्लिखित परिभाषानुसार।
- योजना में बोर्ड से तात्पर्य “उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण बोर्ड“ से होगा।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन पत्र के साथ निम्न अभिलेख प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा
- पंजीकृत निर्माण श्रमिक को बोर्ड द्वारा निर्गत पहचान प्रमाण-पत्र की सत्यापित फोटो-प्रति
- पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा जमा किए गए अंशदान की रसीद की छायाप्रति।
- पहचान से संबंधित अभिलेख जैसे- वोटर आई0डी0, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र इत्यादि।
- इस आशय का शपथ-पत्र कि केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी भी योजना में उसे साइकिल का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।
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अधिसूचना
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