भवन एवं अन्य निर्माण कार्य में लगे श्रमिक जो असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में आते हैं, दयनीय स्थिति में कार्य करने, अस्थाई एवं अनियमित रोजगार, अनिश्चित कार्य समय, मूलभूत एवं कल्याणकारी सुविधाओं की कमी आदि के कारण उनकी स्थिति अत्यंत कमजोर एवं दयनीय है।पर्याप्त कानूनी प्रावधानों की कमी के कारण, श्रमिकों की दुर्घटनाओं के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना, जिम्मेदारी तय करना और सुधारात्मक उपायों को लागू करना एक दुर्लभ कार्य था।इसलिए, श्रमिकों की सुरक्षा, कल्याण और अन्य सेवा शर्तों को सुव्यवस्थित करने के लिए व्यापक केंद्रीय कानून की आवश्यकता महसूस की गई।श्रमिकों के रोजगार और सेवा शर्तों, सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण उपायों को सुव्यवस्थित करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा अधिनियमित भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा की शर्तें) अधिनियम।